
डिग्गी थाना क्षेत्र के एक गांव का मामला।पीड़िता युवती ने बताया कि जब वह 7-8 साल की थी, जब उसे 3 महिला और 6 लोगों ने उसे घर परिवारजनों से छीनकर दूर मुंबई ले गए। जब युवती 14 साल की हुई तो उसे आरोपियों ने देह व्यापार में धकेल दिया गया। आरोपी युवती को गंदा काम करने को उतारा। जब वह गंदा काम नहीं करना चाहती ,गंदा काम करने को मना करती तो आरोपी उसे भूखा-प्यासा रखकर उसके साथ मारपीट करते थे। आरोपी उसे एक बंद कमरे ले जाकर मारपीट करते थे। मजबूरन युवती को देह व्यापार के काम के लिए तैयार होना पड़ता। देह व्यापार के दौरान युवती ने एक बच्ची को भी जन्म दिया। उसने बताया कि आरोपी उसकी बेटी को भी देह व्यापार में धकेलना चाहते थे, इस दौरान एक दिन मौका पाकर वह पीड़िता अपनी बच्ची को लेकर भाग गई। अब आरोपी उसे फोन पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। जिस नाबालिग बच्ची का महज 7 साल की उम्र में अपहरण हो गया था, वह अब 27 साल की उम्र में न्याय की गुहार लगाकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है। आरोपी उसे और उसकी बेटी को जान से मारने की फोन कर धमकी दे रहे हैं। इस मामले में डिग्गी थाना अधिकारी ने बताया कि यह मामला 20 साल पुराना है। पीड़िता ने एफआईआर दर्ज कराई है। मामले की जांच मालपुरा पुलिस उपाधीक्षक कर रहे हैं। डिग्गी थानाधिकारी बताया कि पीड़िता के बयान लिये जाएगे और गंभीरता से मामले की जांच की जाऐगी। पीड़िता ने बताया कि वह इस मामले की डिग्गी थाने में 3 बार शिकायत दे चुकी है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई तो पीड़िता ने अपने समाज के प्रदेश अध्यक्ष से बातचीत कर लेटर लिख मदद मांगी। पीड़िता ने अपने समाज के प्रदेश अध्यक्ष से मिलकर आपबीती बताई। उसके बाद पीड़िता अपनी बच्ची को लेकर बुधवार शाम को टोंक एसपी से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।