20 दिवसीय अनूठी मुहिम: ‘सच आप तक न्यूज़’ और जलदाय विभाग ने मिलकर 107 हेंडपंपों को किया दुरुस्त

डिग्गी,:ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट को दूर करने के उद्देश्य से ‘सच आप तक न्यूज़’ चैनल और जलदाय विभाग के संयुक्त सहयोग से शुरू की गई 20 दिवसीय अनूठी मुहिम ने आज एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया। इस अभियान के अंतर्गत कुल 107 खराब पड़े हेंडपंपों को दुरुस्त किया गया, जिससे कई गांवों के लोगों को राहत मिली है।यह मुहिम 20 दिन पहले ‘सच आप तक न्यूज़’ की पहल पर शुरू हुई थी, जब चैनल को ग्रामीणों की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई क्षेत्रों में लंबे समय से हेंडपंप खराब पड़े हैं और जल आपूर्ति बाधित हो रही है। चैनल की टीम ने इन समस्याओं को गंभीरता से लिया और उन्हें जलदाय विभाग तक पहुँचाया। विभाग ने तत्परता दिखाते हुए मरम्मत कार्य शुरू किया और धीरे-धीरे गांव-गांव जाकर खराब हेंडपंपों को ठीक किया गया।इस मुहिम के तहत जिन गांवों में हेंडपंप मरम्मत का कार्य किया गया, उनमें किरावल, मलिकपुर, सोडा, सोडा बावड़ी, सीतारामपुरा, डूंगरी कला, डिग्गी, कडीला चैनपुरा, चावण्डिया, देशमा,धौली, लावा और चबराना प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन गांवों में लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों ने राहत की सांस ली और इस अभियान की खुले दिल से सराहना की।डिग्गी क्षेत्र के जलदाय विभाग के जेईएन मंगल राम चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया,”हमें ‘सच आप तक न्यूज़’ चैनल की ओर से क्षेत्र के खराब हेंडपंपों की सटीक जानकारी मिली, जिससे मरम्मत कार्य सुचारु रूप से किया जा सका। इस तरह की सूचनाएं विभाग के लिए बहुत सहायक होती हैं। आज जब यह मुहिम अपने अंतिम दिन पर है, तो हमें संतोष है कि हम 100 से अधिक हेंडपंपों को पुनः चालू करने में सफल रहे।”ग्रामीणों ने भी इस पहल को एक बेहतरीन उदाहरण बताया, जिसमें मीडिया और प्रशासन ने मिलकर आमजन की समस्या को प्राथमिकता दी।

कई ग्रामीणों ने कहा कि पहली बार उन्होंने देखा कि मीडिया केवल खबर नहीं बना रहा, बल्कि समाधान का माध्यम भी बन रहा है।’सच आप तक न्यूज़’ चैनल की ओर से बताया गया कि ऐसे जनहित के अभियानों को आगे भी जारी रखा जाएगा। चैनल की टीम ने कहा,”हमारा उद्देश्य सिर्फ खबर दिखाना नहीं, बल्कि जनसमस्याओं की आवाज़ बनना है। हम आगे भी ऐसे प्रयास करते रहेंगे और जनता से जुड़कर उनके मुद्दों को शासन-प्रशासन तक पहुंचाते रहेंगे।”इस सफल मुहिम ने साबित कर दिया कि जब मीडिया और सरकारी तंत्र साथ मिलकर काम करें, तो बदलाव मुमकिन है — और ग्रामीणों को वह मूलभूत सुविधाएं मिल सकती हैं, जिनका वे वर्षों से इंतजार कर रहे थे।

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