समरावता प्रकरण को लेकर जांच अधिकारी संभागीय आयुक्त महेश चंद्र शर्मा आज उनियारा पहुंचकर SDM कार्यालय में जन सुनवाई की। जहां उन्हे ग्रामीणों का जांच से बहिष्कार का सामना करना पड़ा। जनसुनवाई में सात लोग समरावता से SDM कार्यालय पहुँचे । जहां लोगों ने सरकार के नाम ज्ञापन देकर प्रसाशनिक जांच का बहिष्कार करते हुए सरकार से न्यायिक जांच की मांग की। उधर अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद (ABAVP) के प्रदेशाध्यक्ष पूर्व आई ए एस के सी घुमरिया ने भी समरावता प्रकरण पर टोंक पहुंचकर मीडिया से बातचीत में साफ किया कि इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराए।।उससे कम जांच हमे मंजूर नहीं है। साथ ही कहा कि यह मामला सरकार दबाना चाहती है पीड़ित ग्रामीणों को दोषी बता रही है । इससे गंभीर बात और क्या होगी। लेकिन हम किसी भी हालत में छुप नहीं बैठेंगे। यह आंदोलन और तेज होगा। उन्होंने ग्रामीणों की राय में राय मिलाते हुए कहा कि समाज के लोगों को टारगेट कर घटना के दिन विशेष समाज के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई और टारगेट कर बिजली बंद कर घरों में घुसकर ऐसा मारा कि कई आज भी बेड पर हाथ पैर फ्रेक्चर होकर पड़े है। अब हमने भी पीड़ित ग्रामीणों की ओर से 30 से ज्यादा मामले दोषी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराने के लिए कोर्ट में इस्तगासे लगाए है। उन्होंने कहा कि सरकार जाँच के नाम पर खानापूर्ति कर रही है। उधर हाईकोर्ट के एडवोकेट लाखनसिंह मीणा, पूर्व पवन खरेड़ा आदि ने बताया कि सरकार इस मामले की न्यायिक जाँच कराए, ताकि दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा।उधर संभागीय आयुक्त शर्मा ने कहा कि आजा भी समरावता प्रकरण को लेकर उनियारा मेंकैंप लगाया था, इसमें कुछ कर्मचारी समेत लोग पहुंच कर अपनी बात रखी है।
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/ December 28, 2024