
महावीर बैरवा टोंक:-समरावता प्रकरण में हाईकोर्ट से 39 जनों की जमानत होने के बाद उन्हे शनिवार रात को जिला कारागार से दस-दस के ग्रुप में रिहा किया गया। हालांकि इनमें से एक जना इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है। उसे भी कानूनी रूप से रिहा किया गया। अब उसकी देखभाल उसके परिजन करेंगे।उधर इन्हे रिहा करते समय कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए टोंक DSP के नेतृत्व में पुलिस जाप्ता भी जेल के बाहर करीब आधा किमी तक तैनात रखा गया। वहां परिजनों और समर्थकों को आने नहीं दिया। पुलिस जाप्ते की सीमा खत्म होते हीं परिजन परिजन और उनके समर्थक कार में बिठाकर सवाई माधोपुर रोड़ किनारे निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा के कार्यालय ले गए। जहां उनका माला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान युवाओं ने नरेश मीणा जिंदाबाद, भगत सिंह जिंदाबाद के जमकर नारे लगाए। ये 51 दिन में बाहर निकले। इन्हे पुलिस ने 13 नवंबर 2024 को हिरासत में ले लिया था और 15 नवंबर 2024 को कोर्ट के आदेश पर जेल में बंद थे। इनकी शुक्रवार को हाईकोर्ट जयपुर से जमानत हुई है। उसके बाद आज उनके उनियारा कोर्ट में कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद रात करीब साढ़े आठ बजे टोंक जेल से रिहा किया गया। ज्ञात रहे कि 13 नवंबर को देवली उनियारा विधानसभा के उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था। इसमें समरावता गांव के लोगों ने उनके गांव को उनियारा उपखंड कार्यालय में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार कर रखा था। उस समय निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा भी ग्रामीणों की मांग वाजिब बताते हुए ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गया था। मतदान बहिष्कार के बाबजूद तीन जनों के जबरन वोट दिलाने का आरोप लगाते हुए नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी के थप्पड़ मार दी थी। दूसरे दिन पुलिस ने नरेश मीणा को धरना स्थल से गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में 4 नाबालिग लड़कों समेत 63 को गिरफ्तार किया था। उनमें से चार नाबालिग बच्चों की जमानत तो डीजे कोर्ट से गत माह हो चुकी है। शुक्रवार को 39 जनों की जमानत हो गई थी। हाईकोर्ट जयपुर के आदेश पर आज रात साढ़े आठ बजे इनको सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर छोड़ा गया। इनमे से 38 जनों को जेल से छोड़ा गया और एक स आदत अस्पताल में भर्ती है। उसे भी कानूनी रूप से रिहा कर दिया है। अब उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।