विधानसभा में निलंबित MLAs की एंट्री पर हंगामा, स्पीकर ने विपक्ष पर लगाए हठधर्मिता के आरोप

पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को लेकर मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी पर राजस्थान विधानसभा में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध लगातार जारी है। विपक्ष मंत्री अविनाश गहलोत की माफी पर अड़ा हुआ है, जबकि सत्ता पक्ष ने पूरे मुद्दे को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर केन्द्रित कर दिया है। इस टकराव के चलते विधानसभा में हंगामा, वॉकआउट, विरोध प्रदर्शन और निलंबित विधायकों की बहाली अटकने जैसे घटनाक्रम सामने आए हैं।

दरअसल, विपक्ष ने आज विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया और सदन से वॉकआउट कर दिया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने सदन छोड़ दिया। इस बीच, विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद निलंबित तीन विधायक, हाकम अली, जाकिर हुसैन गैसावत और संजय जाटव जब दोबारा सदन में प्रवेश करने लगे, तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया।नियमों के अनुसार, निलंबित विधायक विधानसभा परिसर में नहीं आ सकते। जब सुरक्षाकर्मियों ने उनका रास्ता रोका तो दोनों पक्षों में तीखी बहस और नोंकझोंक हो गई। स्थिति को बिगड़ता देख वरिष्ठ कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक ने हस्तक्षेप किया और निलंबित विधायकों को समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया।

बता दें, विधानसभा में गतिरोध के बीच और बायकॉट के बाद कांग्रेस ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की अगुवाई में विधायकों ने ‘इंदिरा जी का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ के नारे लगाए। कांग्रेस का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी अस्वीकार्य है और मंत्री को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।

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