राज्य बजट से लोगों को आस,दूनी में एसडीओ व पंचायत समिति कार्यालय की मांग, राज्य सरकार के बजट में लोगों की उम्मीद

टोंक/दूनी:- (चेतन वर्मा) राज्य सरकार की ओर से हर वर्ष पेश किए जाने वाले बजट से कस्बे वासियों को आशाएं रहती है ताकि क्षेत्र का भरपूर विकास होने के साथ बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान हो। आगामी 16 फरवरी को पेश होने वाले राज्य के 2025-26 के बजट से फिर से आस जगी है।विगत कांग्रेस सरकार में कस्बे को नगर पालिका की सौगात दी गई मगर प्रमुख मांगों की बजट में चर्चा तक नहीं हो पाई। कस्बेवासी, पूर्व सैनिक, विद्यार्थी व कर्मचारी आज भी कई मूलभूत सहित विभिन्न सुविधाएं पाने को उपखण्ड, जिला व राजधानी के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे है। भाजपा सरकार में पेश होने जा रहे बजट से क्षेत्र के विकास में चार चांद लगने के साथ क्षेत्रवासियों को बड़ी सौगाते मिलने की उम्मीदें बनी हुई है। ताकि क्षेत्र का विकास हो सके। इसको लेकर लोग उम्मीद लगाए हुए

सामाजिक कार्यकर्ता अमित थलहेटिया

एसडीओ कोर्ट आवश्यक:-कस्बे की अति-आवश्यक मांग एसडीओ कोर्ट एवं पंचायत समिति कार्यालय है। सरकार बजट में लबे अर्से से चल रही मांग को पूरी करें

कैलाराम रैगर, सेवानिवृत्त फौजी

यह मिले सुविधाएं

पूर्व सैनिकों को जिला मुख्यालय पर दवाई एवं केंटीन सुविधा नहीं होने से सौ से अधिक किमी दूर शहरों में जाना पड़ता है। बजट में जिला मुख्यालय पर सुविधा देने की घोषणा करने के साथ तहसील मुख्यालय पर शहीद स्मारक के लिए आवंटित की जा रही भूमि पर निर्माण के लिए केन्द्र से विलंब से आ रही राशि के बजाय राज्य से मिलने वाले केन्द्रीय मद से राशि स्वीकृत करें। राज्य सरकार पूर्व सैनिकों को अतिरिक्त कोटे से राजकीय सेवा में लेती है। उसी प्रकार उनके परिजन व पुत्र-पुत्रियों को भी शामिल करें।

केलाराम रैगर, सेवानिवृत फौजी तकनीकी महाविद्यालय जरुरी कस्बे की बालिकाओं को तकनीकी क्षेत्र में शिक्षा के लिए राजधानी या फिर अन्य शहरों में जाना पड़ रहा है। सरकार बजट में तकनीकी महाविद्यालय खोलने के साथ चिकित्सालय में महिला चिकित्सक भी लगाए।

ग्रामीण, बालकिशन शर्मा

कस्बे में खोले पुलिस चौकी नगर पालिका व तहसील मुख्यालय दूनी में आबादी लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं यहां दिनों-दिन नशेड़ियों का आतंक भी बढ़ता जा रहा है। शाम के बाद महिला एवं बालिकाओं को बाहर निकलने में भी भय लगता है। सरकार बजट में कस्बे में पुलिस चौकी खोले ताकि अपराध एवं अपराधियों पर लगाम लग सके।

छात्रा मनीषा बैरवा

तकनीकी महाविद्यालय जरुरी

कस्बे की बालिकाओं को तकनीकी क्षेत्र में शिक्षा के लिए राजधानी या फिर अन्य शहरों में जाना पड़ रहा है। सरकार बजट में तकनीकी महाविद्यालय खोलने के साथ चिकित्सालय में महिला चिकित्सक भी लगाए। ग्रामीण

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