अब सीएम ने संभाली कमान, 1000 करोड़ रुपए के निवेश की खुद करेंगे समीक्षा

जयपुर। राज्य सरकार प्रदेश के औद्योगिक विकास एवं निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक बेहतरीन विजन एवं रोडमैप के साथ कार्य कर रही है। इसी दिशा में कार्यकाल के पहले ही वर्ष में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के आयोजन के बाद हस्ताक्षरित हुए एमओयू के समयबद्ध एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री ने त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था की पहल की है।9 से 11 दिसंबर तक जयपुर में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री ने हस्ताक्षरित हुए एमओयू की प्रगति-रिपोर्ट दिसंबर 2025 में प्रदेशवासियों के सामने रखने की घोषणा करते हुए अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी थी। इस दिशा में त्रि-स्तरीय समीक्षा व्यवस्था की पहल कारगर साबित होगी।

इस तरह होगी त्रिस्तरीय समीक्षा1-एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि वाले एमओयू की समीक्षा मुख्यमंत्री स्तर पर मासिक रूप से होगी।2-100 करोड़ से लेकर 1 हजार करोड़ रुपए तक की राशि वाले एमओयू की समीक्षा मुख्य सचिव स्तर पर पाक्षिक रूप से की जाएगी।3-100 करोड़ रुपए से कम राशि वाले एमओयू की समीक्षा विभागीय सचिव स्तर पर साप्ताहिक रूप से की जाएगी।

35 लाख करोड़ रुपए के हुए एमओयूराइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत कुल 35 लाख करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू किए गए थे। जिनमें से लगभग 32 लाख करोड़ रुपए के 261 एमओयू एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि वाले हैं। इसी तरह, 100 करोड़ से अधिक एवं 1 हजार करोड़ रुपए से कम की राशि वाले एमओयू की संख्या 1 हजार 678 तथा इनकी कुल राशि 3.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। साथ ही, 100 करोड़ रुपये तक के एमओयू की संख्या 9 हजार 726 तथा इनकी कुल राशि लगभग 90 हजार करोड़ है।

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